वाल्मीकि रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १०
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १० अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा शान्ता के साथ विवाह होने के प्रसंग का विस्तार के साथ वर्णन।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १० अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा शान्ता के साथ विवाह होने के प्रसंग का विस्तार के साथ वर्णन।
महर्षि वाल्मीकि प्रचेता ऋषि के पुत्र थे, जो आश्रम में बच्चों को शास्त्र पढ़ाते थे वाल्मीकि का असली नाम रत्नाकर था। एक दिन रत्नाकर खेलते-खेलते जंगल में भटक गए।