जन्माष्टमी संपूर्ण कथा

जन्माष्टमी एक बार इंद्र ने नारदजी से कहा हे ब्रह्मपुत्र, हे मुनियों में श्रेष्ठ, सभी कथाओ में उत्तम उस कथा को सुनाए, जिस से मनुष्यों को मुक्ति, लाभ प्राप्त हो।

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