श्री दुर्गा सप्तशती के इन उपायों को कर लिया तो होगा चमत्कार।

श्री दुर्गा सप्तशती के इन उपायों को कर लिया तो होगी धनवर्षा, आसपास भी नहीं भटकेगी दरिद्रता, मिलेगा मान सम्मान, यश और होगा चमत्कार भी।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा नौवीं सिद्धिदात्री | Navadurga

नौवीं सिद्धिदात्री माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम “सिद्धिदात्री” हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा आठवीं महागौरी | Navadurga

नवरात्री पर्व में माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम “महागौरी” है। शास्त्रों में दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इस दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रतीत होता है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण का है। इनकी उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु केवल आठ साल की ही मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद रंग के हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है। इनकि चार भुजाएँ सुशोभित हैं और इनका वाहन वृषभ है इसीलिए शास्त्रों मे इनको वृषारूढ़ा भी कहा गया है।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा सातवीं कालरात्रि | Navadurga

शास्त्रों मे कहा गया है कि कालरात्रि की उपासना करने मात्र से ब्रह्माण्ड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी शक्तियां भी उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा छठी कात्यायनी | Navadurga

माँ दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम “कात्यायनी” है। उस दिन साधक का मन ‘आज्ञा’ चक्र में स्थित होता है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा पाँचवी स्कंदमाता | Navadurga

नवरात्रि का पाँचवाँ दिन दुर्गा देवी “स्कंदमाता” की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली यह माता अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा चौथी कूष्माण्डा | Navadurga

नवरात्री पर्व में चौथे दिन “कूष्माण्डा” देवी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन पुर्णत: ‘अदाहत’ चक्र में अवस्थित होता है। अपनी मन्द, हल्की हँसी के द्वारा अण्ड अर्थात ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्माण्डा नाम से अभिहित किया गया है।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा तीसरी चंद्रघंटा | Navadurga

नवरात्री पर्व में माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम “चंद्रघंटा” है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा का अत्यधिक महत्व है नवरात्री मे इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। नवरात्र मे इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा दूसरी ब्रह्मचारिणी | Navadurga

नवरात्री पर्व के दूसरे दिन माँ “ब्रह्मचारिणी” की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन और ध्यान को माँ के चरणों में लगाते हैं। यदि विस्तार पूर्वक देखा जाये तो ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली।

Read more

नवदुर्गा- संपूर्ण कथा पहली शैलपुत्री | Navadurga

दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती है।

Read more

देवी सती के 51 शक्तिपीठ

हिन्दू धर्म में पुराणों का विशेष महत्‍व है। इन्‍हीं पुराणों में माता के शक्‍तिपीठों का भी वर्णन है। यदि पुराणों की ही मानें तो जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े, वस्‍त्र और गहने गिरे वहां-वहां मां के शक्‍तिपीठ बन गए। ये शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हैं। देवी भागवत् में 108 शक्‍तिपीठों का वर्णन जबकि देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का जिक्र है। एवं वहीं देवी पुराण में 51 शक्तिपीठ बताए गए हैं। आइए जानतें है कहां-कहां पर स्थित है ये शक्‍तिपीठ।

Read more