अखंडरामायण सुन्दरकाण्ड

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॥ श्री गणेशाय नमः ॥
॥ श्री कमलापति नम: ॥
॥ श्री जानकीवल्लभो विजयते ॥
॥ श्री रामचरित मानस ॥
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सुन्दरकाण्ड

अखंड रामायण
(भावार्थ सहित/रहित)
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सुन्दरकाण्ड भावार्थ सहित/रहित

सुन्दरकाण्ड

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अखंडरामायण मे सुन्दरकाण्ड (धार्मिक दृष्टि से) का पारायण समाज में बहुधा प्रचलित है। श्राद्ध तथा देवकार्य में इसके पाठ का विधान है। सुन्दरकाण्ड में हनुमान द्वारा समुद्रलंघन करके लंका पहुँचना, अशोक वाटिका में प्रवेश तथा हनुमान के द्वारा सीता का दर्शन, सीता तथा रावण संवाद, सीता को राक्षसियों के तर्जन की प्राप्ति, सीता-त्रिजटा-संवाद, हनुमान का राम की अंगूठी सीता को दिखाना, सीता के द्वारा हनुमान को सन्देश देना, लंका के चैत्य-प्रासादों को उखाड़ना तथा राक्षसों को मारना, लंका-दहन, आदि हनुमान कृत्य वर्णित हैं। हनुमान का सीता-दर्शन के पश्चात् प्रत्यावर्तन, समाचार-कथन, दधिमुख-वृत्तान्त, हनुमान के द्वारा सीता से ली गई काञ्चनमणि राम को समर्पित करना, तथा सीता की दशा आदि का वर्णन किया गया है। सुन्दरकाण्ड से जुड़े सभी घटनाक्रमों की सूची नीचे दी गयी है। आप सभी घटना के बारे में उस पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

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सनातन संस्कृति मे पौराणिक कथाओं के साथ-साथ मंत्र, आरती और पुजा-पाठ का विधि-विधान पूर्वक वर्णन किया गया है। यहाँ पढ़े:-

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